Admission Helpline: 6205979251/52/54

CHAIRMAN'S MESSAGE

शिक्षा व्यक्ति को ज्ञानवान बनाती है । विद्‌यार्थी शिक्षा प्राप्त कर सांसारिक एवं आध्यात्मिक ज्ञान से युक्त होता है । इस ज्ञान से उसके व्यक्तित्व का विकास होता है । वह ज्ञान-विज्ञान के उन क्षेत्रों में महारत हासिल करता है जो उसके भावी जीवन को सुख शांति और धन-संपत्ति से भर देता है ।

ज्ञान किसी विषय के सैद्धांतिक या व्यावहारिक समझ का गठन करता है। यह बिना कहे ही जाना जा सकता है कि समानता बनाने तथा आर्थिक स्थिति के आधार पर बाधाओं तथा भेदभाव को दूर करने के लिए शिक्षा बहुत आवश्यक है। राष्ट्र की प्रगति और विकास सभी नागरिकों की शिक्षा के अधिकार की उपलब्धता पर निर्भर करता है।

वह मानव समाज के लिए ऐसे-ऐसे कार्य करने में सक्षम होता है जिससे मानवता समुन्नत होती है । शिक्षा मनुष्य को दुर्गुणों की पहचान में मदद करती है ताकि वह इनसे सदा ही दूरी बनाए रख सके ।